ओ संसार बनाने वाले - The Indic Lyrics Database

ओ संसार बनाने वाले

गीतकार - बी डी मिश्रा | गायक - रफी | संगीत - एस एन त्रिपाठी | फ़िल्म - रत्न मंजरी | वर्ष - 1955

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ओ संसार बनाने वाले हो सबके भगवान
तुझे न आई लाज छीन कर एक कली के प्राण
हो ओ हमें इतना बता दे भगवान
यहाँ मरता है क्यों इनसान
तू देकर क्यों लेता है जान
यहाँ मरता है
हाय यहाँ मरता है
तू ही माटी से पुतला बनाता है
कई रंगों से उसको सजाता है
फिर बनाकर मिटाने में ओ देवता
कौन सी बढ़ी है तेरी शान
हमें इतना बता दे
तुझे भगवान होने का अभिमान है
सभी दुखियों के दुख से तू अनजान है
जब न आती है तुझको किसी पर दया
काहे कहलाए करुणानिधान
हमें इतना बता दे