गया अँधेरा हुआ उजारा - The Indic Lyrics Database

गया अँधेरा हुआ उजारा

गीतकार - नूर लखनवी | गायक - लता मंगेशकर - तलत मेहमूद | संगीत - सी. रामचंद्र | फ़िल्म - सुबह का तारा | वर्ष - 1954

View in Roman

गया अँधेरा हुआ उजारा
चमका चमका सुबह का तारा
टूटे दिल का बँधा सहारा
चमका चमका सुबह का तारा
आस ख़ुशी की तन में आई
अरमानों ने ली अंगड़ाई
जाग उठीं उम्मीदें सारी
जाग उठी तक़दीर हमारी
हमें किसी ने दूर पुकारा
मुरझाई कली क्या फिर से खिलेगी
खोई हुई क्या राहत मिलेगी
कही ये तारा टूट ना जाए
सुबह का साथी छूट न जाए
आँखों में रह जाए नज़ारा
गई उदासी रौनक छाई
रोशनी अब जीवन में आई
हँसी ख़ुशी का छेड़ो तराना
नाच उठे मन झूमे ज़माना
समां सुहाना प्यारा प्यारा