आँखों में दिल है, होंठों पे जाँ - The Indic Lyrics Database

आँखों में दिल है, होंठों पे जाँ

गीतकार - सत्येंद्र अथैया | गायक - लता, सहगान | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - नाज़ | वर्ष - 1954

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तुम कहाँ, तुम कहाँ

आँखों में दिल है, होंठों पे जाँ
तुम कहाँ हो तुम कहाँ
तुम कहाँ ...

सुनसान राहों पे आँखें बिछाइये
सीने में लाखों अरमान छुपाइये
दिल को भुलावे देती रही पर
तुमको न आना था तुम न आये
मिटने लगे मंज़िल के निशाँ
तुम कहाँ ...

पूछा है मैं ने शाम-ओ-सहर से
वीरानियों की उजड़ी नज़र से
मेरी पुकारें
मायूस हो कर टकराके लौटीं दीवार-ओ-दर से

को: तुम कहाँ तुम कहाँ

चुप है ज़मीं चुप आसमाँ
तुम कहाँ हो तुम कहाँ ...$