मैं तो एक ख्वाब हूँ - The Indic Lyrics Database

मैं तो एक ख्वाब हूँ

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - मुकेश | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - हिमालय की गोद में | वर्ष - 1965

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मैं तो एक ख्वाब हूँ
इस ख्वाब से तू प्यार न कर
प्यार हो जाए तो फिर प्यार का इज़हार न कर
ये हवाएँ कभी चुपचाप चली जाएंगी
लौट के फिर कभी गुलशन में नहीं आएंगी
अपने हाथों में हवाओं को गिरफ्तार न कर
तेरे दिल में हैं मोहब्बत के भड़कते शोले
अपने सीने में छुपा ले ये धड़कते शोले
इस तरह प्यार को रुसवा सर-ए-बाज़ार न कर
शाख से टूट के गूंचे भी कहीं खिलते हैं
रात और दिन भी जमाने में कहीं मिलते हैं
भूल जा, जाने दे तक़दीर से तकरार न कर