गीतकार - हसरत | गायक - लता | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - हलाकु | वर्ष - 1956
View in Romanउसे मिल गई नई ज़िन्दगी जिसे दर्द-ए-दिल ने मिटा दिया
वो बहार बन के सँवर गया जिसे साज़-ए-ग़म ने जला दिया
उसे मिल गई नई ...
जो किसी के प्यार में मिट गया रही याद उसकी निशानियाँ
वो रहा दिलों के जहान में जिसे दिल्लगी ने मिटा दिया
उसे मिल गई नई ...
जो तड़प से खाली है ज़िन्दगी वो शमा है जैसे बुझी हुई
मेरे दिलरुबा तेरा शुक्रिया मेरी हसरतों को जगा दिया
उसे मिल गई नई ...
जहाँ देखते हैं वहाँ है तू हमें और कुछ भी ख़बर नहीं
तेरे प्यार का वो नशा हुआ कि ज़माने भर को भुला दिया
उसे मिल गई नई ...$