जग में आए कोई कोई जाए रे - The Indic Lyrics Database

जग में आए कोई कोई जाए रे

गीतकार - साहिर | गायक - तलत महमूद | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - बाबला | वर्ष - 1953

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जग में आए कोई कोई जाए रे
आनेवाले आते जाएँ
जानेवाले लौट न पाएँ
सारी दुनिया है एक सराय रे (
जग में आए कोई कोई जाए रे
नील गगन पर बैठा ज्ञानी
जग के साथ करे मनमानी
दीप जलाए कभी दीप बुझाए रे
जग में आए कोई कोई जाए रे
काया पर मत भूल रे प्राणी
ये दुनिया है आनी जानी
सबको जाना होगा देश पराए रे
जग में आए कोई कोई जाए रे