मैं तेरे प्यार में पागल ऐसे घूमता हूँ - The Indic Lyrics Database

मैं तेरे प्यार में पागल ऐसे घूमता हूँ

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता - किशोर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - प्रेम बंधन | वर्ष - 1979

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मैं तेरे प्यार में पागल ऐसे घूमता हूँ
जैसे मैं कोई प्यासा बादल, बरखा को ढूंढता हूँ
मैं तेरे प्यार में पागल ऐसे घूमती हूँ
जैसे मैं कोई प्यासी बदली, सावन को ढूंढती हूँ
जब जब तू छुप जाती है इन फूलों की गलियों में
और चटकने लगती है कितनी कलियाँ कलियों में
मैं तेरा पता सभी से ऐसे पूछता हूँ
जैसे मैं कोई भुला राही मंज़िल को ढूंढता हूँ
मेरे चेहरे पे तेरी ठहरी ठहरी दो आँखें
कितनी गहरी झील है ये, झील से गहरी दो आँखें
मैं तेरी इन आँखों में ऐसे डूबती हूँ
जैसे मैं कोई टूटी नैय्या मांझी को ढूंढती हूँ
तू हो ना हो आँखों में रहती तेरी सूरत है
ये मन प्रेम का मंदिर है, जिसमें तेरी मूरत है
मैं तेरी इस मूरत को ऐसे पूजती हूँ
जैसे मैं कोई व्याकुल राधा मोहन को ढूंढती हूँ