चोरी चोरी चुपके से आके मेरी आँखों में समा जा - The Indic Lyrics Database

चोरी चोरी चुपके से आके मेरी आँखों में समा जा

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञिक - सोनू निगम | संगीत - अदनान सामी | फ़िल्म - लकी | वर्ष - 2005

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चोरी चोरी चुपके से आके मेरी आँखों में समा जा
धीरे धीरे सपनों की सुनी सुनी दुनिया बसा जा
ऐसे सता ना, हारी मैं हारी
ये तेरी बातें, झूठी हैं सारी
ये जिद है बुरी, कोई रिश्ता तो जोड दे, कोई रिश्ता तो जोड दे
चल जाने भी दे, मेरी बाहें छोड दे, मेरी बाहें तो छोड दे
इसी तो अदा पे मेरा दीवाना दिल धडके
तेरे जैसे ही होते हैं क्या सब लडके
तुझ को कसम मेरी हाथ छुडाके अब ना जा
यूँ बीती जाए अपने मिलने की घडी, अपने मिलने की ये घडीं
मैं बोलू तो क्या कैसी मुश्किल आ पडी, कैसी मुश्किल ये आ पडी
दिल कहता है किसी दूजी से दिल लगाऊँ
ऐसा करे तो खा के ये जहर मैं मर जाऊँ
राजकुमारी का बनूंगा मैं तो सपनों का राजा
तेरे जैसे लाखों मेरे आगे पीछे होंगी तू जा जा
ना बाबा ना रे, ना दे सजा रे
आ के मुझे तू गरवां लगा रे
चोरी चोरी चुपके से आके मेरी आँखों में समा जा
धीरे धीरे सपनों की सुनी सुनी दुनिया बसा जा
सोचा नही था ऐसे मिलेगी एक दूसरे से राहें हमारी