मुउरख बंदे जिने वाले कुशी से जी जा - The Indic Lyrics Database

मुउरख बंदे जिने वाले कुशी से जी जा

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - दत्ताराम | फ़िल्म - संतान | वर्ष - 1959

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मूरख बंदे तक़दीर ये बोलेजीने वाले ख़ुशी से जिए जा
अपने आँसू तू हँस के पिए जा
जीने वाले ख़ुशी ...आती है जिसकी याद सुहानी
पास तेरे है उसकी निशानी
काम तेरा है जो वो किए जा
अपने आँसू तू ...लाख मुश्किलें आएँ तू न डरना
सच की मंज़िलों से गुज़रना
टूटे दिल को तसल्ली दिए जा
अपने आँसू तू ...ऐसी उलझन से क्या फ़ायदा है
जो भी होना था वो हो चुका है
दिल के टुकड़े की ख़ातिर जिए जा
अपने आँसू तू ...