तेरी आँख के आँसू पी जाऊँ - The Indic Lyrics Database

तेरी आँख के आँसू पी जाऊँ

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - तलत महमूद | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - जहाँ आरा | वर्ष - 1964

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तेरा ग़मख्वार हूँ लेकिन मैं तुझ तक आ नहीं सकता
मैं अपने नाम तेरी बेकसी लिखवा नहीं सकता
तेरी आँख के आँसू पी जाऊँ, ऐसी मेरी तकदीर कहाँ
तेरे ग़म में तुझको बहलाऊँ, ऐसी मेरी तकदीर कहाँ
ऐ काश जो मिल कर रोते, कुछ दर्द तो हल्के होते
बेकार ना जाते आँसू, कुछ दाग जिगर के धोते
फिर रंज ना होता इतना, है तनहाई में जितना
अब जाने यह रस्ता ग़म का, है और भी लम्बा कितना
हालात की उलझन सुलझाऊँ, ऐसी मेरी तकदीर कहाँ
क्या तेरी ज़ुल्फ़ का लहरा, है अब तक वही सुनहरा
क्या अब तक तेरे दर पे देती हैं हवायें पहरा
लेकिन है ख़्वाब खयाली, तेरी ज़ुल्फ़ बनी है सवाली
मोहताज है एक कली की, एक रोज़ थी फूलोंवाली
वह ज़ुल्फ़-ए-परेशान महकाऊँ, ऐसी मेरी तकदीर कहाँ