उलझ गये दो नैना - The Indic Lyrics Database

उलझ गये दो नैना

गीतकार - रवि | गायक - लता, हेमंत | संगीत - रवि | फ़िल्म - एक साल | वर्ष - 1957

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उलझ गये दो नैना, देखो
उलझ गये ...
प्रीतम उलझी लट सुलझाये
गोरी का चन्दा सा मुख शरमाये
प्रीतम उलझी लट सुलझाये
गोरी का चन्दा सा मुख शरमाये
प्रीत की डोरी में बाँध कर दोनो मन ही मन मुसकाये रे
देखो उलझ गये दो नैना ...
जब तक घर न आये साँवरिया
तड़पे है गोरी जैसे जल बिन मछरिया
बाट तकत अपने साजन की
राह में नैन बिछाये देखो
उलझ गये दो नैना ...
रात रुपहली तारों की छैंय्या
सैंय्या के हाथों में गोरी गोरी बैंय्या
रात रुपहली तारों की छैंय्या
सैंय्या के हाथों में गोरी गोरी बैंय्या
लाज भरे नैनों से मन की बात कही न जाये
देखो उलझ गये दो नैना
उलझ गये दो नैना
देखो उलझ गये दो नैना$