मै प्यार का राही हूँ, तेरे जुल्फों के साये में - The Indic Lyrics Database

मै प्यार का राही हूँ, तेरे जुल्फों के साये में

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - आशा - रफी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - एक मुसाफिर एक हसीना | वर्ष - 1962

View in Roman

मैं प्यार का राही हूँ, तेरे जुल्फों के साए में
कुछ देर ठहर जाऊँ
तुम एक मुसाफिर हो, कब छोड़ के चल दोगे
ये सोच के घबराऊँ
तेरे बिन जी लगे ना अकेले
हो सके तो मुझे साथ ले ले
नाज़नीं तू नहीं जा सकेगी
छोड़कर जिन्दगी के झमेले
जब भी छाये घटा, याद करना ज़रा
सात रंगों की हूँ मैं कहानी
प्यार की बिजलियाँ मुस्कुराये
देखिये आप पर गिर ना जाए
दिल कहें देखता ही रहूँ मैं
सामने बैठकर ये अदाएं
ना मैं हूँ नाज़नीं, ना मैं हूँ माजबी
आप ही की नजर है दीवानी