बना के मेरा मुकद्दर क्या यूं हि रुथ के - The Indic Lyrics Database

बना के मेरा मुकद्दर क्या यूं हि रुथ के

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - दूर की आवाज | वर्ष - 1964

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बना के मेरा मुक़द्दर बिगाड़ने वाले
जवाब दे ओ मेरा घर उजाड़ने वालेक्या यूँ ही रूठ के जाने को मोहब्बत की थी -२
ज़िन्दगी मेरी मिटाने को मोहब्बत की थी
क्या यूँ ही ...आँख में आँसू लब पे कहानी तेरी
मुझको तड़पाती है दिन-रात निशानी तेरी
क्या मुझे तूने रुलाने को मोहब्बत की थी
क्या यूँ ही ...ओ मुझे भूलने वाले तू कहाँ है आजा
क्या हुई मुझसे ख़ता ये तो ज़रा बतला जा
या ये कह दे के दिखाने को मोहब्बत की थी
क्या यूँ ही ...