नाच रे धरती के प्यारे - The Indic Lyrics Database

नाच रे धरती के प्यारे

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर, सहगान, हेमंत कुमार | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - हीरा मोती | वर्ष - 1959

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फ़ेम को: हा ऽऽऽ
मले को: हो ऽऽऽ हा ऽऽऽ
लता: हे ऽऽऽ नाच रे धरती के प्यारे
तेरे अरमानों की दुनिया सामने है तेरे
हेमंत: हे ऽऽऽ आज तेरे घर होने को हैं फिर
खुशियों के फेरे
को: धान की बाली ये हरियाली
कहती है तुझसे रे
लता: हे ऽऽऽलता: जैसे तैसे कट गयी ग़म की रात काली
फ़ेम को: जैसे तैसे कट गयी ग़म की रात काली
लता: गली गली शोर है आयेगी दिवाली
फ़ेम को: गली गली शोर है आयेगी दिवाली
मले को: हेहेऽऽऽ कड़ी मेहनत की फ़सल
अपने धीरज का ये फल
हेमंत: मीठा लागे रे
लता: हेऽऽ नाच रे धरती के ...लता: हवा गाए लेहरा, जिया लेहराए रे
फ़ेम को: हवा गाए लेहरा, जिया लेहराए रे
लता: गगरी उमंग की छलक-छलक जाए रे
फ़ेम को: गगरी उमंग की छलक-छलक जाए रे
मले को: हेहेऽऽऽ गुपचुप देखे डगर
भाई(??) दुनिया है मगर
हेमंत: सब दुख भागे रे
लता: हेऽऽ नाच रे धरती के ...हेमंत: हमें तो ये धूप भी आज लगे चाँदनी
मले को: हमें तो ये धूप भी आज लगे चाँदनी
लता: आने लगी याद फिर भूली हुई रागिनी
फ़ेम को: आने लगी याद फिर भूली हुई रागिनी
मले को: हेहेऽऽऽ नीले अम्बर के तले
छेड़ की बात चले
हेमंत: प्रीत भी जागे रेलता: हे ऽऽऽ नाच रे धरती के प्यारे
तेरे अरमानों की दुनिया सामने है तेरे
हेमंत: आज तेरे घर होने को हैं फिर
खुशियों के फेरे
को: धान की बाली ये हरियाली
कहती है तुझसे रे
फ़ेम को: नाच रे धरती के प्यारे
तेरे अरमानों की दुनिया सामने है तेरे
मले को: आज तेरे घर होने को हैं फिर
खुशियों के फेरेको: धान कि बाली ये हरियाली
कहती है तुझसे रे