गुलशन पे है बहार कोयल की है पुकार पिया आजा रे - The Indic Lyrics Database

गुलशन पे है बहार कोयल की है पुकार पिया आजा रे

गीतकार - NA | गायक - सुरैया | संगीत - ग़ुलाम हैदर | फ़िल्म - जग बिती | वर्ष - 1946

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हाय राम कैसे बेदर्दी से पाला पड़ा पाला पड़ा

हाय राम कैसे बेदर्दी से पाला पड़ा पाला पड़ा

हाय राम कैसे बेदर्दी से पाला पड़ा

बिनती ही बिनती में बीत गई आज शाम

हाय राम कैसे बेदर्दी से पाला पड़ा पाला पड़ा

हाय राम कैसे बेदर्दी से पाला पड़ा

ज़ालिम ने जीवन के सपनों को चूर किया



हमको हमारी ही नज़रों से दूर किया

आँखों ही आँखों में दिल को मजबूर किया

बातों में बातों में रोक दिये सारे काम

हाय राम कैसे बेदर्दी से पाला पड़ा पाला पड़ा

हाय राम कैसे बेदर्दी से पाला पड़ा

भेदी कोई मन की नगरी को लूट गया



दामन मेरे दिल का हाथों से छूट गया

मुझ पर जो छाया था जादू वो टूट गया

मिलते ही आँखें मैं जपने लगी राम नाम

हाय राम कैसे बेदर्दी से पाला पड़ा पाला पड़ा

हाय राम कैसे बेदर्दी से पाला पड़ा