इश्क मुझको नहीं वहशत ही सही - The Indic Lyrics Database

इश्क मुझको नहीं वहशत ही सही

गीतकार - ग़ालिब | गायक - तलत महमूद | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - मिर्जा गालिब | वर्ष - 1954

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इश्क़ मुझको नहीं वहशत ही सही
मेरी वहशत तेरी शोहरत ही सहीक़ता कीजे ना तअल्लुक़ हमसे
कुछ नहीं है तो अदावत ही सहीमेरे होने में है क्या रुसवाई
ऐव-ओ-मजलिस नहीं किलरत ही सहीहम भी दुशमन तो नहीं हैं अपने -२
ग़ैर को तुझसे मोहब्बत ही सहीहम कोई तर्क़-ए-वफ़ा करते हैं
ना सही इश्क़ मुसीबत ही सहीहम भी तक़लीम की ख़ूँ डालेंगे
बेनयाज़ी तेरी आदत ही सहीयार के छेड़ चली जाये असद
जब नहीं वस्ल तो हसरत ही सही