चिंगारी कोई भडके - The Indic Lyrics Database

चिंगारी कोई भडके

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - अमर प्रेम | वर्ष - 1971

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चिंगारी कोई भड़के, तो सावन उसे बुझाये
सावन जो अगन लगाये, उसे कौन बुझाये
पतझड़ जो बाग़ उजाड़े, वो बाग़ बहार खिलाये
जो बाग़ बहार में उजड़े, उसे कौन खिलाये
हमसे मत पूछो कैसे, मंदिर टूटा सपनों का
लोगों की बात नहीं है, ये किस्सा है अपनों का
कोइ दुश्मन ठेंस लगाये, तो मीत जिया बहलाये
मनमीत जो घाव लगाये, उसे कौन मिटाये
ना जाने क्या हो जाता, जाने हम क्या कर जाते
पीते हैं तो ज़िंदा हैं, ना पिते तो मर जाते
दुनिया जो प्यासा रखे, तो मदिरा प्यास बुझाये
मदिरा जो प्यास लगाये, उसे कौन बुझाये
माना तूफ़ां के आगे नहीं चलता जोर किसी का
मौजों का दोष नहीं है, ये दोष है और किसी का
मझधार में नैय्या डोले तो माँझी पार लगाये
माँझी जो नाव डुबोये उसे कौन बचाये