छुपनेवाले सामने आ, छुप छुप के मेरा जी ना जला - The Indic Lyrics Database

छुपनेवाले सामने आ, छुप छुप के मेरा जी ना जला

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - तुमसा नहीं देखा | वर्ष - 1957

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छुपनेवाले सामने आ, छुप छुप के मेरा जी ना जला
सूरज से किरन, बादल से पवन
कब तलक़ छुपेगी, ये तो बता
आख़िर तेरे नाज़ की ये हार नहीं तो और है क्या
दौड़ के आना पास मेरे, प्यार नहीं तो और है क्या
दूर खड़ी हैरान है क्या, दातों में यूँ उंगली न दबा
आ लिपटी है दिल से मेरे जुल्फ तेरी बलखाई हुई
देख रहा हूँ तेरी नज़र अपनी नज़र तक आई हुई
गालों पर जुल्फें ना गिरा, तू है कयामत मै हूँ बला