सौ बार जनम लेंगे सौ बार फना होंगे - The Indic Lyrics Database

सौ बार जनम लेंगे सौ बार फना होंगे

गीतकार - असद भोपाली | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - उस्तादों के उस्ताद | वर्ष - 1963

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सौ बार जनम लेंगे, सौ बार फ़ना होंगे
ऐ जान-ए-वफ़ा फिर भी, हम तुम न जुदा होंगेक़िस्मत हमे मिलने से, रोकेगी भला कब तक
इन प्यार की राहों में, भटकेगी वफ़ा कब तक
क़दमों के निशाँ खुद ही, मंज़िल का पता होंगेये कैसी उदासी है, जो हुस्न पे छाई है
हम दूर नहीं तुम से, कहने को जुदाई है
अरमान भरे दो दिल, फिर एक जगह होंगे