गाता रहे मेरा दिल, तू ही मेरी मंजिल - The Indic Lyrics Database

गाता रहे मेरा दिल, तू ही मेरी मंजिल

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता - किशोर | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - मार्गदर्शक | वर्ष - 1965

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गाता रहे मेरा दिल, तू ही मेरी मंज़िल
कहीं बीते ना ये रातें, कहीं बीते ना ये दिन
प्यार करनेवाले अरे प्यार ही करेंगे
जलनेवाले चाहे जल जल मरेंगे
मिलके जो धड़के हैं दो दिल, हरदम ये कहेंगे
कहीं बीते ना ये रातें ...
ओ मेरे हमराही मेरी बाह थामे चलना
बदले दुनिया सारी, तुम ना बदलना
प्यार हमे भी सिखला देगा, गर्दिश में संभलना
कहीं बीते ना ये रातें ...
दूरियाँ अब कैसी अरे शाम जा रही है
हमको ढलते ढलते समझा रही है
आती जाती साँस जाने कब से गा रही है
कहीं बीते ना ये रातें ...