पत्थर के सनम, तुझे हम ने मोहब्बत का खुदा जाना - The Indic Lyrics Database

पत्थर के सनम, तुझे हम ने मोहब्बत का खुदा जाना

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - पत्थर के सनम | वर्ष - 1967

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पत्थर के सनम, तुझे हमने मोहब्बत का खुदा जाना
बड़ी भूल हुई अरे हमने, ये क्या समझा, ये क्या जाना
चेहरा तेरा दिल में लिए चलते रहे अंगारों पे
तू हो कहीं सजदे किये, हमने तेरे रुखसारो के
हमसा ना हो, कोई दीवाना
सोचा था ये बढ़ जाएगी, तनहाईयाँ जब रातों की
रस्ता हमें दिखलाएगी, शम-ए-वफ़ा उन हाथों की
ठोकर लगी, तब पहचाना
ऐ काश के होती ख़बर तूने किसे ठुकराया है
शीशा नहीं, सागर नहीं, मंदीर सा एक दिल ढाया है
ता-आसमां, है वीराना