अपनी आँखों के समंदर में उतर जाने दे - The Indic Lyrics Database

अपनी आँखों के समंदर में उतर जाने दे

गीतकार - नज़ीर बाक़री | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - Nil | वर्ष - 1988

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अपनी आँखों के समंदर में उतर जाने दे
तेरा मुजरिम हूँ मुझे डूब के मर जाने दे
ऐ नए दोस्त मैं समझूँगा तुझे भी अपना
पहले माज़ी का कोई ज़ख़्म तो भर जाने दे
आग दुनिया की लगाई हुई बुझ जाएगी
कोई आँसू मेरे दामन पे बिखर जाने दे
ज़ख़्म कितने तेरी चाहत से मिले हैं मुझको
सोचता हूँ कि कहूँ तुझसे मगर जाने दे