तूने हो तूने मेरे ज़ख़्म-ए-जिगर को छू लिया - The Indic Lyrics Database

तूने हो तूने मेरे ज़ख़्म-ए-जिगर को छू लिया

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - नगीना | वर्ष - 1951

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तूने हो तूने मेरे ज़ख़्म-ए-जिगर को छू लिया
दूर हूँ मैं तेरी दुनिया से
क्यूँ छुआ दामन मेरा
तूने हाय मेरे ...
मैं प्यार की चाँदनी रात हूँ
उलझी हुई दर्द की बात हूँ
तूने हाय मेरे ...
सूना था घर कोई रहने लगा
डर के मगर दिल ये कहने लगा
तूने हाय मेरे ...$