अपनी आग को ज़िंदा रखना कितना मुश्किल है - The Indic Lyrics Database

अपनी आग को ज़िंदा रखना कितना मुश्किल है

गीतकार - इशरत आफ़रीन | गायक - जगजित सिंग - चित्रा सिंग | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - बियॉन्ड टाइम | वर्ष - 1988

View in Roman

अपनी आग को ज़िंदा रखना कितना मुश्किल है
पत्थर बीच आईना रखना कितना मुश्किल है
कितना आसान है तस्वीर बनाना औरों की
ख़ुद को पस-ए-आईना रखना कितना मुश्किल है
तुमने मंदिर देखे होंगे ये मेरा आँगन है
एक दीया भी जलता रखना कितना मुश्किल है
चुल्लू में हो दर्द का दरिया ध्यान में उसके होंठ
यूँ भी खुद को प्यासा रखना कितना मुश्किल है