तू तू तू घर आजा - The Indic Lyrics Database

तू तू तू घर आजा

गीतकार - नखशाबी | गायक - गीता रॉय | संगीत - खुर्शीद अनवारी | फ़िल्म - निशाना | वर्ष - 1950

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तूफ़ाँ में घिरी हैं मेरी तक़दीर की राहें
रोती हैं मेरे हाल पे सावन की घटायें
तूफ़ाँ में घिरी हैं ...
रस्ते पे चलूँ कौन से दिल तू ही बता दे
मंज़िल मेरी बेनाम है तू राह दिखा दे
दुनिया में मिली हैं मुझे जीने की सज़ायें
तूफ़ाँ में घिरी हैं ...
जितनी भी हमें पास वो मंज़िल नज़र आयी
उतनी ही हमें और भी मुश्किल नज़र आयी
ये ग़म भी परेशान हैं क्या हाल बतायें
तूफ़ाँ में घिरी हैं ...$