गर्दिश में हो तारे, ना घबराना प्यारे - The Indic Lyrics Database

गर्दिश में हो तारे, ना घबराना प्यारे

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - मुकेश | संगीत - बाबुल | फ़िल्म - रेशमी रूमाल | वर्ष - 1961

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गर्दिश में हो तारे, ना घबराना प्यारे
गर तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे
मुझको मेरी आशा देती है दिलासा
आएँगी बहारें चली जाएँगी ख़िज़ा
ओ आसमां ये नीला-नीला, करे है इशारे
दुनिया है सराय, रहने को हम आए
आया है तो हंसी ख़ुशी रह ले तू यहाँ
वो सूरमां है ज़िन्दगी जो काँटों में गुज़ारे
बाजुओं में दम है, फिर काहे का ग़म है
आहनी इरादे हैं उमंगें हैं जवां
ओ मुश्किलें कहाँ हैं उन्हें मेरा दिल पुकारे