गीतकार - Nil | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - Nil | फ़िल्म - मुन्तज़िर | वर्ष - Nil
View in Romanरात खामोश है चाँद मदहोश है
थाम लेना मुझे जा रहा होश है
मिलन की दास्ताँ, धड़कनों की जुबां
गा रही है जमीं सुन रहा आसमान
गुनगुनाती हवा दे रही है सदा
सर्द इस रात की गर्म आगोश है
महकती ये फ़िज़ा जैसी तेरी अदा
छा रहा रूह पर जाने कैसा नशा
झूमता है जहां अजब है ये समा
दिलके गुलज़ार में इश्क़ पुरजोश है