ये दुनिया गम का हमने भी दे दो सहारा - The Indic Lyrics Database

ये दुनिया गम का हमने भी दे दो सहारा

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सहगान | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - सीमा | वर्ष - 1955

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र : ये दुनिया ग़म का मेला है -२
मुसीबत की कहानी है
कोई रोये कोई गाये
अजब ये ज़िंदगानी है
आहमें भी दे दो
हमें भी दे दो सहारा के बेसहारे हैं
को : हमें भी दे दो सहारा के बेसहारे हैं -२
फ़लक़ की गोद से टूटे हुये सितारे हैं -२
हमें भी दे दो सहारार : भरा हो पेट तो

भरा हो पेट तो सन्सार जगमगाता है
को : भरा हो पेट तो सन्सार जगमगाता है
र : सताये भूख तो ईमान डगमगाता है
को : सताये भूख तो ईमान डगमगाता है
र : सताये भूख तो ईमान डगमगाता है
भलाई कीजीये
को : आ
भलाई कीजीये दो दिन के ये नज़ारे हैंहमें भी दे दो सहारा के बेसहारे हैं
फ़लक़ की गोद से टूटे हुये सितारे हैं
हमें भी दे दो सहारार : तेरे जहान से

तेरे जहान से मालिक बता किधर जाये
को : तेरे जहान से मालिक बता किधर जाये
र : तेरे हुज़ूर में रह कर भी ठोकरें खायें
को : तेरे हुज़ूर में रह कर भी ठोकरें खायें
र : तेरे हुज़ूर में रह कर भी ठोकरें खायें
ग़रीब ही सही
को : आ
ग़रीब ही सही आख़िर तो हम तुम्हारे हैंहमें भी दे दो सहारा के बेसहारे हैं
फ़लक़ की गोद से टूटे हुये सितारे हैं
हमें भी दे दो सहारा