उल्फत का साज़ छेड़ो - The Indic Lyrics Database

उल्फत का साज़ छेड़ो

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - औरत | वर्ष - 1953

View in Roman

उल्फ़त का साज़ छेड़ो, समा सुहाना है,
जलवे भी नाच उठे, दिल का तराना है
उल्फ़त का साज़ छेड़ो ...दर पे हुज़ूर आये, लेके मुराद हम भी
इतनी सी आर्ज़ू है, रह जायें याद हम भी
उल्फ़त का साज़ छेड़ो ...दोनो जहाँ हम भी, तुम पर निसार करें
कद्मोन पे चाँद तारे, सजदे हज़ार करें
उल्फ़त का साज़ छेड़ो ...महफ़िल में आज शमा, कर देगी नाम रोशन,
थामेगा आज कोई, दिल का हसीन दामन
उल्फ़त का साज़ छेड़ो ...