जीना तो है उसीका जिसने ये राज़ जाना - The Indic Lyrics Database

जीना तो है उसीका जिसने ये राज़ जाना

गीतकार - रमेश पंत | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - अधिकार | वर्ष - 1971

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ऐसी चीज़ सुनाए की महफ़िल दे ताली पे ताली
वरना अपना नाम नहीं है बन्ने खां भोपाली
मुन्ने मियाँ बधाई, बनो खूब होनहार
दोनों जहां की नेमते हो आप पे निसार
बचपन को ख़ुशगवार जवानी सदाबहार
अल्लाह करे ये दिन यूँ ही आए हज़ार बार
जीना तो है उसीका जिसने ये राज़ जाना
है काम आदमी का औरों के काम आना
किसी ने कहा तू है तारों का राजा
किसी ने कहा आ जा मेरे पास आ जा
किसीने दुआ दी किसी ने बधाई
सबकी तू आँख का तारा बने
तेरी ही रौशनी में चमके तेरा घराना
दिल लगाके तू पढ़ना, हमेशा आगे बढ़ना
सच का दामन ना छूटे, चाहे ये दुनिया रूठे
काम तू अच्छे करना, सिर्फ़ अल्लाह से डरना
सभी को गले लगना, मोहब्बत में लूट जाना
मोहब्बत वो खज़ाना है कभी जो कम नहीं होता
है पास जिसके ये दौलत उसे कुछ ग़म नहीं होता
मेरा तेरा कर के जो मरते, गोरे काले में भेद करते
उनको ये समझाना
सब लोग हैं बराबर इतना ना भूल जाना
सूरत पे माशाअल्लाह वो बात है अभी से
तड़पेंगे दिल हज़ारो गुज़रोगे जिस गली से
डोली में जब बिठाके लाओगे फुलझड़ी को
ज़िंदा रहे तो हम भी देखेंगे उस घड़ी को
अगर अल्लाह ने चाहा तो हम उस दिन भी आएँगे
बधाई हमने गाई है तो हम सेहरा भी गाएँगे
चाँद सूरज आएँगे नीचे दूल्हा दुल्हन के आगे पीछे
फूल बरसाएँगे
आएगा जब ख़ुशी का हँसता हुआ ज़माना