हँसी चाँद की आज निराली - The Indic Lyrics Database

हँसी चाँद की आज निराली

गीतकार - जी एस नेपाली | गायक - लता | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - गजरे | वर्ष - 1948

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हँसी चाँद की आज निराली

हँसी चाँद की आज निराली

मन को लुभानेवाली

अँधेरे को दूर हटा के

फैलाये उजियाली

दौड़ी हवा चमन में आए

ये नहीं जाने कौन बुलाए

फूल फूल पर मन भरमाए

फिरती डाली डाली

हँसी चाँद की

आसमान भी झूम रहा है

चंदनतिलक लगाए

फिरे मगन हंसों का जोडा

अपने पंख मिलाए

स्वर्गदेश की कौन ये बाला

ढूँढ़ रही फूलों की माला

आज ये कैसे दीप जलाती

कैसी ये दिवाली

हँसी चाँद की