दूर कहीं तू चल, दिल रहा है मचल - The Indic Lyrics Database

दूर कहीं तू चल, दिल रहा है मचल

गीतकार - भरत व्यास | गायक - लता - रफी | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - बेदर्द जमाना क्या जाने | वर्ष - 1959

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दूर कहीं तू चल, दिल रहा है मचल
प्यार की राहों में, प्रीत की छाँव में, देख हुई हलचल
ये गुलाबी आसमान, शाम का उड़ता धुआँ
ले चलो मुझको वहाँ
रंग बिखरा है जहाँ, भीगा-भीगा है समां
ले चलूँ तुझको वहाँ
ये नज़ारे, ये इशारे, उड़ रहा आँचल
है ये मौसम प्यार का, प्यार के इकरार का
सपनों के सिंगार का
दो दिलों के तार का, तार की झनकार का
गीत है ये बहार का
तू रसीली, रुत नशीली और हवा चंचल