मैं फिर भी तुमको चाहूँगा - The Indic Lyrics Database

मैं फिर भी तुमको चाहूँगा

गीतकार - मनोज मुन्तशिर | गायक - अरिजीत सिंग | संगीत - मिथुन | फ़िल्म - हाफ गर्लफ्रेंड | वर्ष - 2017

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तुम मेरे हो इस पल मेरे हो
कल शायद ये आलम ना रहे
कुछ ऐसा हो तुम तुम ना रहो
कुछ ऐसा हो हम हम ना रहें
ये रास्ते अलग हो जाएँ
चलते चलते हम खो जाएँ
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
इस चाहत में मर जाऊँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मेरी जान मैं हर खामोशी में
तेरे प्यार के नग्में गाऊँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
इस चाहत में मर जाऊँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
ऐसे ज़रूरी हो मुझको तुम
जैसे हवायें साँसों को
ऐसे तलाशूँ मैं तुमको
जैसे के पैर ज़मीनों को
हँसना या रोना हो मुझे
पागल सा ढूंढूं मैं तुम्हें
कल मुझसे मोहब्बत हो ना हो
कल मुझको इजाज़त हो ना हो
टूटे दिल के टुकड़े ले कर
तेरे दर पे ही रह जाऊँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
इस चाहत में मर जाऊँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
तुम यूँ मिले हो जबसे मुझे
और सुनहरी मैं लगती हूँ
सिर्फ लबों से नहीं अब तो
पूरे बदन से हँसती हूँ
मेरे दिन रात सलोने से
सब हैं तेरे ही होने से
ये साथ हमेशा होगा नहीं
तुम और कहीं मैं और कहीं
लेकिन जब याद करोगे तुम
मैं बन के हवा आ जाऊँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
इस चाहत में मर जाऊँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
Pal Bhar
(मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
पलभर तुम्हें जो ना सोचूँ तो
धड़कनें तरसने लगती है
तुमको जो देख लूँ नम आँखें भी
हौले से हँसने लगती है
दिलसे दिलका ये मेल सनम
जो कल ये हो जाए कम
हालात बिगड़ भी जाए अगर
हम दोनों बिछड़ भी जाए अगर
यादों के चाँद शिकारे पर
मैं तुमसे मिलने आऊँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
इस चाहत में मर जाऊँगा
कुछ और था मैं कुछ और ही था
तुमने ही मुझको निखारा है
अब जो भी मुझमे प्यारा है
वो हर रंग तुम्हारा है
जो कल था तेरा साथ मिले
हाथों से न ये हाथ मिले
अलविदा तुझे तू कह जाए
ये प्यार अधूरा रह जाए
कुछ आधे-अधूरे लम्हे लिए
दिल का ये शहर सजाऊँगा)
ShraddhaKapoor
(मैं फिर भी तुमको चाहूँगी
बाहों में तेरी आके लगा
मेरा सफर तो यहीं तक है
तुमसे शुरू तुमपे ही ख़तम
मेरी कहानी तुम्हीं तक है
दिल को जो दे राहत सी
तुझमें है वो ख़ामोशी
सौ बार तलाश लिया खुदको
कुछ तेरे सिवा ना मिला मझको
साँसों से रिश्ता तोड़ भी लूँ
तुमसे तोड़ न पाऊँगी
मैं फिर भी तुमको चाहूँगी
इस चाहत में मर जाऊँगी
आँखें खुली तो मैं देखूँ तुझे
सिर्फ़ यही फ़रमाइश है
पहली तो मुझको याद नहीं
तू मेरी आखिरी ख़्वाहिश है
सह लूँ अब में तेरी कमी
मुझसे ये होगा ही नहीं
तुम ऐसे मुझ में शामिल हो
तुम जान मेरी तुम ही दिल हो
शायद मैं भूला दूँ खुद को भी
पर तुमको भूल न पाऊँगी )