आलम पर आलम सीताम पर सीताम - The Indic Lyrics Database

आलम पर आलम सीताम पर सीताम

गीतकार - शम्स लखनविक | गायक - नूरजहां | संगीत - सज्जाद | फ़िल्म - दोस्त | वर्ष - 1944

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अलम पर अलम, सितम पर सितम
हम उठाए हुए हैं
ज़माने की गरदिश के पीसे हुए हैं
मुक़द्दर के हथों मिटाए हुए हैं
अलम पर अलम, सितम पर सितम
हम उठाए हुए हैंन हमदम है कोई न दम्साज़ कोई
न हम्दार्द कोई न हम्राज़ कोई
फ़क़त साथ है इक मुसीबत हमारे
कलेजे से उस को लगाए हुए हैं
अलम पर अलम, सितम पर सितम
हम उठाए हुए हैंहै क़िसमत जो उलटी, समझ भी है उलटी
निगाह भी है उलटी हर इक बात उलटी
नज़र आती है दुशमनी दोस्ती में
जहां भर को दुशमन बनाए हुए हैं
अलम पर अलम, सितम पर सितम
हम उठाए हुए हैं