गीतकार - वसीम बरेलवी | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil
View in Romanअपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आयें कैसे
घर सजाने का तसव्वुर तो बहोत बाद का है
पहले ये तय हो कि इस घर को बचायें कैसे
क़हक़हा आँख का बर्ताव बदल देता है
हँसनेवाले तुझे आंसू नज़र आयें कैसे
कोई अपनी ही नज़र से तो हमें देखेगा
एक क़तरे को समंदर नज़र आयें कैसे