यह कैसा अन्याय दाता यह कैसा अन्याय - The Indic Lyrics Database

यह कैसा अन्याय दाता यह कैसा अन्याय

गीतकार - आरज़ू लखनवी | गायक - सहगल | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - लगन | वर्ष - 1941

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यह कैसा अन्याय दाता यह कैसा अन्याय

यह कैसा अन्याय दाता यह कैसा अन्याय

मेरा बनता काम बिगड़कर बिगड़े काम बनाये

बेड़ा पार लगाये दाता बेड़ा पार लगाये

दुःख झेले जिस सुख के कारण वह सुख भी छिन जाये

जैसे अपने दिये की ज्योति दूजे के घर जाये, दाता

यह कैसा अन्याय दाता यह कैसा अन्याय

मैं भी यूँ ही जमा रहूँगा कैसा ही तूफ़ान आये

काठा बन कर हिल नहीं सकता लाख थपेड़े खाये

कभी तो दुःख को सुख कर देगा अन्यायी का न्याय

अन्धा तो जब ही पथियाये जब दो आँखें पाये

दाता