मैं पल दो पल का शायर हूँ, पल दो पल मेरी कहानी है - The Indic Lyrics Database

मैं पल दो पल का शायर हूँ, पल दो पल मेरी कहानी है

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मुकेश | संगीत - खय्याम | फ़िल्म - कभी कभी | वर्ष - 1976

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कल नई कोंपले फूटेंगी कल नए फूल मुस्काएँगे
और नई घांस की नई फर्श पर नए पाँव इठलाएंगे
वो मेरे बीच नहीं आए, मैं उनके बीच में क्यों आऊँ
उनकी सुबह और शामों का मैं एक भी लम्हा क्यों पाऊँ
मैं पल दो पल का शायर हूँ, पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है, पल दो पल मेरी जवानी है
मुझसे पहले कितने शायर, आए और आकर चले गए
कुछ आहें भर कर लौट गए, कुछ नग्में गा कर चले गए
वो भी एक पल का किस्सा थे, मैं भी एक पल का किस्सा हूँ
कल तुम से जुदा हो जाऊंगा, वो आज तुम्हारा हिस्सा हूँ
कल और आयेंगे नग्मों की खिलती कलियाँ चुननेवाले
मुझसे बेहतर कहनेवाले, तुमसे बेहतर सुननेवाले
कल कोई मुझको याद करे, क्यों कोई मुझको याद करे
मसरूफ ज़माना मेरे लिए, क्यों वक्त अपना बरबाद करे