रात का समा, झूमे चंद्रमा - The Indic Lyrics Database

रात का समा, झूमे चंद्रमा

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - ज़िद्दी | वर्ष - 1964

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रात का समा, झूमे चंद्रमा
तन मोरा नाचे रे, जैसे बिजुरियाँ
देखो, देखो, देखो, हूँ नदी प्यार की
सुनो, सुनो, सुनो, बाँधे मैं ना बँधी
मैं अलबेली, मान लो बड़ी जिद्दी, माने मुझ को जहाँ
नाचू, नाचू, नाचू, मोरनी बाग की
डोलू, डोलू, डोलू, हिरनियाँ मदभरी
घूँघर बाजे, छमाछम घूँघर बाजे, आरजू है जवान
धीरे, धीरे, धीरे, जीत मेरी हुई
होले, होले, होले, हार तेरी हुई
तेरी तरह, जा रे जा बहोत देखे, मुझसा कोई कहाँ