ग़रीबों की दुनिया जहाँ से निराली - The Indic Lyrics Database

ग़रीबों की दुनिया जहाँ से निराली

गीतकार - वाली साहब | गायक - अमीरबाई | संगीत - रफीक गजनवी | फ़िल्म - एक दिन का सुल्तान | वर्ष - 1945

View in Roman

गुलशन पे है बहार कोयल की है पुकार

गुलशन पे है बहार कोयल की है पुकार

पिया आजा रे

बीता जो बचपन तो आई जवानी

उसकी कहानी पिया तुमको सुनानी

जिया है बेक़रार बातें तो हों दोचार

पिया आजा रे

गुलशन पे है बहार

सखियों ने डाले हैं अम्बवा पे झूले

ऐसे समय में सैयां तुम हमको भूले

छेड़ेंगे मन के तार गाएँगे हम मल्हार

पिया आजा रे

गुलशन पे है बहार

आँखों में आ के पिया दिल में समा जा

उजड़ी हुई तू मेरी दुनिया बसा जा

जीवन के ये दिन चार क्यूँ जाने दें बेकार

पिया आजा रे

गुलशन पे है बहार