इचक दाना बिचक दान: - The Indic Lyrics Database

इचक दाना बिचक दान:

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - श्री 420 | वर्ष - 1955

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लत : ईचक दाना बीचक दाना दाने ऊपर दाना, ईचक दाना
छज्जे ऊपर लड़की नाचे, लड़का है दीवाना, ईचक दानालत : एक जानवर ऐसा जिसके दुम पर पैसा
सर पे भी ताज है बादशाह के जैसा
ओ~
बादल देखे छम-छम नाचे अल्बेला मसताना, ईचक दान
बोलो क्या?
बच्चे : मोर
ईचक दाना, बीचक दाना ...लत : हरी थी मन भरी थी, लाख मोती जड़ी थी
राजा जी के बाग़ में दुशाला ओढ़े खड़ी थी
ओ~
कच्चे-पक्के बाल हैं उसके मुखड़ा है सुहाना, ईचक दाना
बोलो क्या?
राज : बुड्ढी
बच्चे : भुट्टालत : छोटी सी छोकरी लाल्बाई नाम है
पहने वो घाघरा एक पैसा दाम है
ओ~
मुँह में सबके आग लगाये आता है रुलाना, ईचक दाना
बोलो क्या? बोलो न
बच्चे : मिचर्ईमुकेश :ईचक दाना बीचक दाना दाने ऊपर दाना, ईचक दाना
छज्जे ऊपर लड़की नाचे, लड़का है दीवाना, ईचक दानाचालें वो चलकर दिल में समाया
आ ही गया वो, किया है सफ़ाया
तुम भी देखो बचकर रहना चक्कर में न आना, ईचक दाना
लत : ग़म?
राज : धत! हम!