थाहरिये होश में आ लुउन तो चले जायेगा: - The Indic Lyrics Database

थाहरिये होश में आ लुउन तो चले जायेगा:

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सुमन कल्याणपुर | संगीत - खैय्याम | फ़िल्म - मोहब्बत इसे कहते हैं | वर्ष - 1965

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रफ़ी: ठहरिये होश में आलूँ तो चले जाइयेगा
सुमन: म ... म ...
रफ़ी: आपको दिल में बिठालूँ तो चले जाइयेगा
सुमन: म ... म ...
रफ़ी: आपको दिल में बिठालूँ ...रफ़ी: कब तलक़ रहियेगा यूँ दूर की चाहत बनके -२
दिल में आ जाइये इक़रार-ए-मुहब्बत बनके
अपनी तक़दीर बना लूँ तो चले जाइयेगा
सुमन: म ... म ...
रफ़ी: आपको दिल में बिठालूँ ...सुमन: मुझको इक़रार-ए-मुहब्बत पे हया आती है -२
बात कहते हुए गरदन मेरी झुक जाती है
देखिये सर को झुका लूँ तो चले जाइयेगा
रफ़ी: म ... म ...
सुमन: देखिये सर को झुका लूँ तो चले जाइयेगा
रफ़ी: हाय, आपको दिल में बिठालूँ ...रफ़ी: ऐसी क्या शर्म ज़रा पास तो आने दीजे -२
रुख से बिखरी हुइ ज़ुल्फ़ें तो हटाने दीजे
प्यास आँखों की बुझा लूँ तो चले जाइयेगा
ठहरिये होश में आलूँ तो चले जाइयेगा ...