ओ माँझी रे, अपना किनारा नदिया की धारा है - The Indic Lyrics Database

ओ माँझी रे, अपना किनारा नदिया की धारा है

गीतकार - गुलजार | गायक - किशोर कुमार | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - खुशबू | वर्ष - 1975

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ओ माँझी रे, ओ माँझी रे
अपना किनारा, नदिया की धारा है
साहिलों पे बहनेवाले कभी सुना तो होगा कहीं
कागजों की कश्तियों का कहीं किनारा होता नहीं
ओ माँझी रे, माँझी रे
कोई किनारा जो किनारे से मिले वो अपना किनारा है
पानियों में बह रहे हैं कई किनारे टूटे हुए
रास्तों में मिल गए हैं सभी सहारे छूटे हुए
ओ माँझी रे, ओ माँझी रे
कोई सहारा मझधारे में मिले जो अपना सहारा है