होंथोन पे हांसी दिल में है कुशी - The Indic Lyrics Database

होंथोन पे हांसी दिल में है कुशी

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - बिखरे मोती | वर्ष - 1951

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होंठों पे हँसी दिल में है ख़ुशी -२
हो
रुत है सुहानी -२
खोई है मुहब्बत की बहारों में जवानी -२हर चीज़ जवाँ है
हर चीज़ हँसी है -२
अरमान भरा दिल मेरा
क़ाबू में नहीं है -२
मेरी ये ख़ुशी मुझको बना दे न दीवानी -२होंठों पे हँसी दिल में है ख़ुशी
हो
रुत है सुहानी -२
खोई है मुहब्बत की बहारों में जवानीछाया है नशा सा
आपे में नहीं हूँ
दिल और कहीं है मेरा
मैं और कहीं हूँ -२
अरमान हैं क़ाबू में न बस में है जवानी -२होंठों पे हँसी दिल में है ख़ुशी
हो
रुत है सुहानी -२
खोई है मुहब्बत की बहारों में जवानीनैया है भँवर में
हो दूर किनारा -२
किस सिम्त बढ़ूँ और मैं
लूँ किसका सहारा -२
डरती हूँ कहीं सर से ग़ुज़र जाये न पानी -२होंठों पे हँसी दिल में है ख़ुशी -२
हो
रुत है सुहानी -२
खोई है मुहब्बत की बहारों में जवानी -२