मैं पागल मेरा मनवा पागल, पागल मेरी प्रीत रे - The Indic Lyrics Database

मैं पागल मेरा मनवा पागल, पागल मेरी प्रीत रे

गीतकार - Nil | गायक - Nil | संगीत - Nil | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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मैं पागल मेरा मनवा पागल, पागल मेरी प्रीत रे
पगले मन की पीर वो जाने बिछड़े जिसका मीत रे
कहे ये दुनिया मैं दीवाना दिन को देखूं सपने
दीवानी दुनिया क्या जाने ये सपने हैं अपने
घायल मन की हँसी उड़ाए ये दुनिया की रीत रे
छुपी हुई मेरी काया में राख किसी परवाने की
ये मेरा दुखिया जीवन है हूक किसी दीवाने की
मन के टूटे तार बजाकर गाऊँ अपने गीत रे