अपलम, चपलम - The Indic Lyrics Database

अपलम, चपलम

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर - उषा मंगेशकर | संगीत - सी. रामचंद्र | फ़िल्म - आज़ाद | वर्ष - 1955

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अपलम, चपलम
चपलाई रे दुनिया को छोड तेरी गली आई रे, आई रे, आई रे
बडा मजबूर किया हाए तेरे प्यार ने
मार दिया मार दिया, हाए तेरे प्यार ने
अब पछताए दिल, हाए कित जाए दिल
काहे को ये आग लगाई रे, लगाई रे, लगाई रे
तेढ़ा मेढ़ा खेल है ये प्यार जो मैं जानती
भूल के भी बात कभी दिल की ना मानती
दिल बेईमान हुआ, देखो जी पराया हुआ
रोए, रोए, जान गवाई रे, गवाई रे, गवाई रे
दगा देनेवाला देखो कैसा दगा दे गया
छोड गया याद और दिल मेरा ले गया
मैने ही कुसूर किया ऐसे को जो दिल दिया
सुदबूद सब बिसराई रे