करि कारी अंधियारी रात में - The Indic Lyrics Database

करि कारी अंधियारी रात में

गीतकार - भरत व्यास | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - गोविंद राम | फ़िल्म - जलपरी | वर्ष - 1952

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(कारी कारी अँधियारी रात में
कारे कारे बादरवा छाए
ऐसे में कहीं मेरा चाँद
निकल आए तो मज़ा आए) -२(मेरे मन में छाई उदासी रे
मैं पिया मिलन की प्यासी रे) -२
मैं कब से खड़ी हूँ राह में
नैनों के दीप जलाए
ऐसे में कहीं मेरा चाँद
निकल आए तो मज़ा आएकारी कारी अँधियारी ...(भर आई अँखियां मोरी रे
चन्दा से दूर चकोरी रे) -२
मैं बिरहन काट सकूँ पल छिन
हृदय में आस लगाए
ऐसे में कहीं मेरा चाँद
निकल आए तो मज़ा आएकारी कारी अँधियारी ...