ग़म दिये मुस्तक़िल - The Indic Lyrics Database

ग़म दिये मुस्तक़िल

गीतकार - मजरूह | गायक - सहगल | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - शाहजहां | वर्ष - 1946

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घूँघट पट नाही खोलूँ

घूँघट पट नाही खोलूँ

मुख से कछु नाही बोलूँ

नैनन में कौन बसे

कैसे भेद खोलूँ राजा

मधुर मधुर उनके बैन

सुन सुन जिया परत चैन

उलझे नित रहत नैन

मन से मन को तोलूँ राजा

सज कर सोलह सिंगार

लेकर कलियन का हार

कब से प्रीतम के द्वार

बावरी सी डोलूँ राजा