ये दुनिया रूप की चोर - The Indic Lyrics Database

ये दुनिया रूप की चोर

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - शमशाद | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - शबनम | वर्ष - 1949

View in Roman

ये दुनिया रूप की चोर

ये दुनिया रूप की चोर -2
बचा ले मुझे बाबू -2
बचा ले मुझे बाबू रे
ये दुनिया रूप की चोर

हो
रस्ते में मिला इक बंगाली
धोती ढीली-ढाली
रस्ते में मिला इक बंगाली
दरशन का अभिलाशी
वो कहने लगा
क्या
वो कहने लगा
जोल खाबे
रसोगुला खाबे
और कहने लगा
अमी तुमी भालोबाशी
माई री भालोबाशी
भालोबाशी
मैं क्या जानूँ अमी तुमी,
मैं भागी तुम्हारी ओर

बचा ले मुझे बाबू -2
बचा ले मुझे बाबू रे
ये दुनिया रूप की चोर

हुई मुलाकात मेरी एक गुजराती से
कहने लगा मुझे सारो छे सारो छे
सूं छे, केम छे, केम छे, सारो छे
छे छे छे छे
sneezing

मारे ते आँगणे एक वार आवो जो -3
मैं क्या जानूँ आवो जो आवो जो
भागी तुम्हारी ओर

बचा ले मुझे बाबू -2
बचा ले मुझे बाबू रे
ये दुनिया रूप की चोर

एक मराठा साहब आला
आते ही सब गड़बड़
नि कहे ऐसा काय
कभी कहे ताजा काय
अस काय दस काय अस काय दस काय
बर बर बर बर बर
चट्क चाँदनी इकड़ेइये ज़रा इकड़ेइये
जी जी जी जी जी जी
अग बूला बाचा कड़ी ज़रा इकड़ेइये ज़रा इकड़ेइये
जी जी जी जी जी जी

मैं क्या जानूँ इकड़े तिकड़े
भागी तुम्हारी ओर

बचा ले मुझे बाबू -2
बचा ले मुझे बाबू रे
ये दुनिया रूप की चोर


एक मडरासी लगा बुलाने

मैं लगी जाने तो वो लगा गाने

चक्रपने आडी रुक्मनिये
इन्ने नाडि वन्दने, ए नक्की केड़ वन्ददे

चक्रपने आडी रुक्मनिये
उन्ने नाडि वन्दने, ए नक्की केड़ वन्ददे


हे हे सुन के हो गया बुखार मुझे
भागी तुम्हारी ओर

बचा ले मुझे बाबू -2
बचा ले मुझे बाबू रे
ये दुनिया रूप की चोर


रस्ते में मिला इक पंजाबी
कहने लगा तेरी अंखियाँ गुलाबी
तेरी अंखियाँ गुलाबी

बल्ले, बल्ले, बल्ले, बल्ले

ओ बलिये, ओ लस्सिये, ओ सोणिये मलाइये
किताई मैनू शराबी
हो जब कार के गड्डी ही बीच बह जाते रोयें गीच
पेड़ खायेंगी छई छई
छई छई सुन के चप्पले उतार के
भागी तुम्हारी ओर

बचा ले मुझे बाबू -2
बचा ले मुझे बाबू रे
ये दुनिया रूप की चोर