आँखों में मस्ती शराब की - The Indic Lyrics Database

आँखों में मस्ती शराब की

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - तलत महमूद | संगीत - सलील चौधरी | फ़िल्म - छाया | वर्ष - 1961

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आँखों में मस्ती शराब की
काली ज़ुल्फो में रातें शबाब की
जाने आई कहाँ से टूट के
मेरे दामन में पंखुड़ी गुलाब की
चाँद का टुकड़ा कहूँ या, हुस्न की दुनिया कहूँ
प्रीत की सरगम कहूँ या प्यार का सपना कहूँ
सोचता हूँ क्या कहूँ, इस शोख को मैं क्या कहूँ
चाल कहती है ना हो, पहली घटा बरसात की
हर अदा अपनी जगह, तारीफ़ हो किस बात की
आरजू कितने दिनों से थी हमें इस रात की