चाँद निकलेगा जिधर हम ना उधार देखेंगे - The Indic Lyrics Database

चाँद निकलेगा जिधर हम ना उधार देखेंगे

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - दुर्गेश नंदिनी | वर्ष - 1956

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चाँद निकलेगा जिधर हम न उधर देखेंगे
जागते सोते तेरी राह-ए-गुज़र देखेंगेइश्क़ तो होँठों पे फ़रियाद न लायेगा कभी
देखने वाले मुहब्बत का जिगर देखेंगेज़िंदगी अपनी गुज़र जायेगी शाम-ए-ग़म में
वो कोई और ही होंगे जो सहर देखेंगेफूल महकेंगे, चमन झूम के लहरायेगा
वो बहारों का समा हम न मगर देखेंगे